उद्यान विज्ञान

उद्यान विज्ञान  (Horticulture) कृषि विज्ञान की एक शाखा है जिसमें फल, सब्जी, फूल, मसाले, औषधीय एवं सुंगधित तथा रोपण फसलों तथा उनके परिक्षण एवं मूल्य संवर्धन के बारे में विस्तृत अध्ययन करते है। कृषि विज्ञान की यह शाखा अन्य शाखाओं की अपेक्षा नई है।

उद्यान विज्ञान या “Horticulture”  दो लैटिन शब्दों से ‘‘हॉर्टस  (Hortus) और कोलेर (Colure) से बनते है। हार्टस का अर्थ है घिरा हुआ क्षेत्र तथा कोलेर का अर्थ है सावधानी पूर्वक लगाना। इस प्रकार Horticulture का शाब्दिक अर्थ है घेरे के अंदर अच्छी तरह पौधों को लगाना। उद्यानिकी फसलों को एक निश्चित क्षेत्र में लगाने की प्रक्रिया को बागवानी अथवा उद्यानिकी तथा जिस क्षेत्र में ये फसलें लगायी गई है उसे उद्यान या Garden कहते है। जैसे आम का बगीचा, अमरुद का बगीचा। उद्यान विज्ञान को मुख्यतः 5 भागो में वगीकृत किया गया है।

1.    फल विज्ञान (Pomology) – इस शाखा के अंतर्गत हम अमरुद, केला, अनानास, सेब, लीची नारियल, नासपाती अंगूर आदि फलों का अध्ययन करते है।

2.    सब्जी विज्ञान (Olericulture) – इसमें लतर वाली सब्जियों, टमाटर, आलू, बैंगन, हरी पत्तियों वाली सब्जियाँ  आदि की उत्पादन तकनीक का अध्ययन किया जाता हैं।

3.    पुष्प विज्ञान (Medicinal and aromatic plant) – इस पौधों में पुष्प जैसे गुलाब, गेदा, रंजनीगंधा, डहेलिया, शोभाकारी पौधे, हेज, कैक्टस आदि का अध्ययन करते है।

4.    औषधीय एवं सुगंधित पौधें (Medicinal and aromatic plant) _ इस शाखा के अंतर्गत सफेद मुसली, सतावर, अश्वगंधा, इसबगोल पुदीना, सतावर, सिट्रोनेला, तुलसी, खस आदि के प्रसंस्करण की विस्तृत जानकारी प्राप्त करते है।

5.    उद्यानिक फसलों का परिरक्षण (Fruit Preservation)

इसके अलावा उद्यान विज्ञान की शाखा में रोपण फसल जैसे- नारियल, काजू, चाय, कॉफी, रबर, कहवा, पान, सुपारी आदि का भी अध्ययन किया जाता है।

मसाला फसले  भी बागवानी फसल एक महत्वपूर्ण घटक है। ये फसल उच्च मूल्य वाले होते हैं तथा कम मात्रा में उत्पान कर इनसे अधिक धन अर्जित की जा सकती है। भारतवर्ष को  को मसाला फसलो के लिए सदियों से जाना जाता है। मसाला फसले में मुख्यतः धनिया, जीरा, हींग, सौफ, मंगरैला, काली मिर्च, मेथी, इलायची, हल्दी अदरक, दालचीनी, लौंग आदि है। वर्तमान में कुल मसाला उत्पादन का लगभग 10 प्रतिशत भाग निर्यात होता है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है।

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन 100 ग्राम फल और 300 ग्राम सब्जियों के सेवन संस्तुति की गई है परन्तु हमारे देश में प्रति व्यक्ति 60 ग्राम फल एवं 240 ग्राम सब्जियों का उपयोग हो पाता है जो कि संस्तुति मात्रा से काफी कम है तथा इसका सेवन भी उत्पादन एवं मौसम तक ही सीमित है।