बागवानी एक लाइनर

- विश्व में भारत का स्थान (स्थिति)- विश्व में सब्जी उत्पादन (चीन के बाद) में भारत का स्थान-द्वितीय (13%) है।
- भारत दुनिया में फल उत्पादन (10%) में दूसरे स्थान पर है।
- भारत विश्व उत्पादन में हल्दी (76%) और अदरक (65%) का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
- मसालों के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 18% है।
- भारत दुनिया में काजू का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है, जो विश्व उत्पादन का 40% उत्पादन करता है। (सामान्य बागवानी एक लाइनर)
- भारत का आम, नारियल, काजू, मसाले, चाय, केला और फूलगोभी के उत्पादन में विश्व में ‘प्रथम’ स्थान है।
- भारत का दुनिया में फल उत्पादन में ‘दूसरा’ स्थान है, सब्जी उत्पादन में – प्याज- II और गोभी III रैंक।
- वेनेजुएला देश में दुनिया में सबसे ज्यादा आम की उत्पादकता होती है।
- भारत का आलू क्षेत्र में उत्पादन में ‘चौथा’ स्थान (चीन I और रूसी संघ II) में ‘तीसरा’ और दुनिया में आलू उत्पादकता (प्रति हेक्टेयर उपज) में 10वां स्थान है।
- फलों, सब्जियों और अन्य में तीखेपन के कारण-आंवला (फलों) में कड़वाहट-पॉलीफेनोल, गैलिक एसिड, इलॉजिक एसिड और टेनिन के कारण।
- मिर्च (फलों) में तीखापन—कैप्साइसिन एल्कलॉइड के कारण।
- बादाम में कड़वाहट—इमेलदीन के कारण
- काली मिर्च में कड़वापन- मारमेलोसिन के कारण
- काली मिर्च में गंध-ओलेरियोसिन के कारण
नीम में सामग्री/यौगिक-
- नीम की छाल एवं जड़ (निकालने पर)—निम्बिन
- नीम की पत्ती- निंबिन, निंबिनीन, निंबंडियल और क्वेरसेटिन
- नीम का फूल- स्टेरोल्स, थायोमिल अल्कोहल, बेंजाइल अल्कोहल, बेंजाइल एसीटेट और आवश्यक तेल।
- नीम की गुठली/बीज/फल-निमसीडिन, अज़ादिराच्टिन यौगिक (नीम के पौधे के सभी 5 भाग- जड़, छाल, पत्ती, फूल और बीज (फल/निबोली) का औषधीय महत्व है)
- प्याज में तीखापन (गंध / विशेष गंध)- एलाइल प्रोपाइल डि-सल्फाइड के कारण
- बिना जख्मी लहसुन में तीखापन (सुगंध) – एलीनेज, अमीनो एसिड के कारण होता है, जिसे कुचलने पर यह एलिसिन में बदल जाता है।
- कुटे हुए लहसुन में तीखापन—एलिसिन स्पेशल
- ताजे/कच्चे लहसुन में गंध- एलाइल रेडिकल डि-सल्फ़ाइड के कारण।
- करेले में कड़वाहट-मेमोर्डीकोसाइड, टेट्रा ट्राई-टेरपाइन।
- कैल्शियम-ऑक्जलेट के कारण अरबी (अरुम/कोलोकैसिया) में तीखापन/कड़वाहट
- चने के पत्तों में अम्लीय स्वाद- टेनिन के कारण
- टोरिया तेल में तीखापन—एलिल आइसोथियोसाइनेट के कारण।
- सरसों के तेल में तीखापन- ग्लाइकोसाइड सिंगरीन (C10H6O9NS2K) के कारण
- सूरजमुखी के तेल में बासीपन-ऑक्सीकरण के कारण।